देश-दुनियाँ

बात बनी तो एमपी से यूपी तलक आयेगी आवाज

  • सपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की ओर बढ़ेगा कदम
  • सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन के आसार प्रबल
यूपी की आवाज़

लखनऊ। बात बनी तो एमपी में उठी आवाज यूपी तलक गूंज सुनाई देगी। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना प्रबल है। दोनों पार्टियों में बात चल भी रही है। 2023 में बात बनी तो 2024 के लोकसभा चुनाव में असर ज्यादा दिखेगा। मध्य प्रदेश में करीब ढाई दर्जन सीटों पर यादव यानि ‘अहीर’ विरादरी के मतदाता एसेम्बली इलेक्शन में निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। चार दर्जन से अधिक सीटों पर इनकी असरकारी संख्या है। मुस्लिमों का झुकाव कांग्रेस की ओर है, इससे इंकार नहीं कर सकते हैं। एमपी में यादव मतदाताओं पर भाजपा की अच्छी पकड़ है।

सपा और कांग्रेस ने हाथ मिला लिया तो भारतीय जनता पार्टी को भी उन्हें अपने पाले में बनाये रखने में कम मशक्कत नही करनी होगी।मध्य प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। वोट जोड़ सकने वाले अन्य दलों को साथ लाने की कांग्रेस की योजना है। मध्य प्रदेश में सपा का कोई बड़ा जनाधार हो न हो लेकिन यादव बहुल कई सीटों पर उसका अच्छा दखल है। 2003 के विधानसभा चुनाव में सपा ने सात सीटें जीती थी। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने बिजावर सीट जीती थी और पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी।इन आधा दर्जन सीटों के अलावा चार अन्य सीटें सपा गठबंधन में चाहती है। सपा का मानना है कि 2018 के चुनाव में सपा के बेहतर प्रदर्शन वाली सीटों को देने में कांग्रेस को दिक्कत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पिछले चुनाव में इन सीटों पर मुख्य मुकाबला सपा व भाजपा के बीच रहा था। कांग्रेस लड़ाई में नहीं थी। सपा व कांग्रेस गठबंधन के पैरोकारों का कहना है कि दोनों पार्टियों के साथ आने पर अखिलेश यादव समेत सभी प्रमुख नेता साझा मंच से प्रचार करेंगे तो यादव मतदाताओं को साथ लाने में मदद मिलेगी जो कांग्रेस मुनाफे में होगी। सबसे बड़ी बात, समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की ओर बढ़ सकती है।

इंडिया की कोऑर्डिनेशन कमेटी में सपा के सदस्य व राज्यसभा सांसद जावेद अली खान के मुताबिक मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में साझेदारी के लिए सपा और कांग्रेस के बीच बात का सिलसिला शुरू है। अगर बात बनी तो एमपी के सियासी समीकरण में बड़ा बदलाव आयेगा जो यूपी तक रंग दिखायेगा। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अध्यक्ष अखिलेश यादव 27 व 28 सितंबर को मध्य प्रदेश का दौरा कर आये हैं। जातीय जनगणना के कांग्रेस के समर्थन को उन्होंने सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ना बताया था। यह भी कह दिया था कि जिसे कांग्रेस टिकट न दे, उसे सपा मौका दे सकती है। सपा छह सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अब जो असेम्बली इलेक्शन हो रहे हैं, उनमें इंडिया बनाम एनडीए ही झलकता है। घोसी के बाई इलेक्शन में यूपी के विपक्षी दलों ने समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह को समर्थन देकर सत्तारूढ़ भाजपा ही नही समूचे एनडीए को सोंचने को मजबूर किया है।

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