उत्तर प्रदेश कारोबार

हर किसान बनेगा लखपति! अपनाएं ये 3 फायदे वाली खेती, सरकार से मिल रही पूरी मदत

अब हर किसान बन सकता है लखपति! पारंपरिक खेती छोड़ अपनाएं ये तीन ‘सोना उगलने’ वाली फसलें, सरकार दे रही भारी सब्सिडी


देश के लाखों किसानों के लिए अच्छी खबर है! अब खेती सिर्फ मेहनत का प्रतीक नहीं, बल्कि एक सुनहरा निवेश बनती जा रही है। पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं, धान और गन्ना में जहां लागत बढ़ रही है और मुनाफा घट रहा है, वहीं अब कुछ खास तरह की खेती किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है।

सरकार भी इन वैकल्पिक और लाभकारी फसलों को बढ़ावा देने के लिए भारी सब्सिडी, ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता उपलब्ध करा रही है। आइए जानते हैं ऐसी ही तीन खेती के तरीकों के बारे में जो किसान को लखपति बना सकते हैं।


1. मशरूम की खेती – कम जगह, कम लागत और ज्यादा मुनाफा

अगर आपके पास खेत नहीं भी हैं तो भी चिंता की बात नहीं। मशरूम की खेती 15×15 फीट के अंधेरे कमरे में आसानी से की जा सकती है। केवल 20-25 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।

  • लागत: ₹3,000 – ₹6,500 प्रति फसल चक्र

  • उत्पादन: 50-70 किलो (100 किलो स्पॉन से)

  • कमाई: ₹9,000 – ₹12,600 प्रति चक्र

  • वार्षिक मुनाफा: ₹35,000 से ₹1 लाख तक

  • सरकारी सहायता: कई राज्य सरकारें सब्सिडी एवं प्रशिक्षण देती हैं

कैसे शुरू करें: कृषि विभाग या उद्यान विभाग से संपर्क करें।


2. लेमनग्रास की खेती – एक बार बोएं, सालों तक कमाई करें

लेमनग्रास एक ऐसी औषधीय फसल है जिसे एक बार लगाने के बाद 5-6 वर्षों तक दोबारा बोने की जरूरत नहीं पड़ती। इसे जानवर नहीं खाते और यह सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी उगाई जा सकती है।

  • उपयोग: कॉस्मेटिक, दवा, साबुन व तेल उद्योगों में भारी मांग

  • शुद्ध मुनाफा: ₹1 लाख से ₹1.5 लाख प्रति एकड़ प्रति वर्ष

  • सब्सिडी: 50% से 80% तक

  • डिस्टिलेशन यूनिट: लगाने पर भी 50% तक अनुदान उपलब्ध

कैसे लाभ लें: नाबार्ड या राज्य कृषि विभाग से संपर्क करें।


3. तुलसी की खेती – कम लागत में बड़ा लाभ

तुलसी सिर्फ धार्मिक पौधा नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक और फार्मा इंडस्ट्री में बड़े स्तर पर इस्तेमाल होता है। तुलसी की खेती कम लागत में की जा सकती है और इसकी मांग सालभर बनी रहती है।

  • लागत: ₹15,000 – ₹20,000 प्रति एकड़

  • उपज: 12 – 15 क्विंटल सूखी तुलसी

  • बाजार मूल्य: ₹60 – ₹80 प्रति किलो

  • कमाई: ₹90,000 – ₹1.20 लाख प्रति फसल

  • सरकारी सहायता: राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड (NMPB) और RKVY के तहत सब्सिडी उपलब्ध

कैसे करें शुरुआत: नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या NMPB की वेबसाइट से जानकारी लें।


सरकारी योजनाओं से जुड़ें, मुनाफे की खेती करें

इन फसलों की खेती को लेकर राज्य और केंद्र सरकारें सब्सिडी, तकनीकी मार्गदर्शन और मार्केट लिंकिंग की सुविधा प्रदान कर रही हैं। इससे किसानों को मुनाफा तो बढ़ेगा ही, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान बढ़ेगा।

महत्वपूर्ण सूचना:
यह खबर केवल सूचना के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है। खेती शुरू करने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें और संबंधित विभागों से पूरी जानकारी प्राप्त करें।

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