यूपी की आवाज
अजमेर। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को अजमेर के सर्किट हाउस से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि एकजुटता से चुनाव जीतना प्राथमिकता है, प्रदेश में कोई गुटबाजी नहीं है। चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा कोई मायने नहीं रखता। चुनाव जीते तो विधायक दल, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे मिल कर मुख्यमंत्री तय कर लेंगे।
सचिन पायलट ने मंगलवार को अजमेर में अपने समर्थक शुभचिंतकों से मुलाकात की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चुनाव गतिविधियों पर चर्चा की। मीडिया से भी बातचीत की। सचिन पायलट के अजमेर पहुंचने पर उनके समर्थकों में काफी उत्साह नजर आया। अजमेर में यद्यपि अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट दोनों ही गुटों के समर्थक मौजूद हैं। इस बार अशोक गहलोत के खास कहे जाने वाले आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ समर्थकों की भी उपस्थिति अपेक्षित मानी जा रही थी, किन्तु वह नहीं दिखी।
अजमेर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पायलट ने विश्वास जताया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। उन्होंने कहा कि जनता भाजपा पर विश्वास नहीं करती है। सरकार राम मंदिर, हिंदू मुसलमान के नाम पर राजनीति करती है। पायलट ने कहा कि अजमेर से उनका पुराना लगाव है। उन्होंने कहा कि देश में जो वातावरण बना है, यह बड़ी विडंबना है। केंद्र सरकार मीडिया प्रचार प्रसार में एक नंबर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा ने विपक्ष की भूमिका का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया, अब थक हार कर परिवर्तन यात्रा शुरू की है। भाजपा में खींचतान मची हुई है। पिछली बार जन आक्रोश यात्रा शुरू की थी जिसमें जनता नहीं थी, अब परिवर्तन यात्रा कर रही है।
पायलट ने दावा किया कि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने की परिपाटी को तोड़ेंगे। राजस्थान में इस बार भी कांग्रेस सरकार बनेगी। हम सब चुनाव लड़कर भाजपा को हराएंगे । पायलट ने कहा कि उन्हें फीडबैक मिला है, जनता भाजपा पर विश्वास नहीं करती। केंद्र सरकार ने सेना में जाने वाले नौजवानों के साथ अन्याय किया, उनको अग्निवीर लगा दिया और चार साल के लिए युवाओं को नौकरी दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की, उसका अच्छा परिणाम आया। चार राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनेगी, हमारे कार्यकर्ता नई ऊर्जा के साथ आ गए है। अजमेर में लंबे समय से हम सीट नहीं जीत पा रहे, वे खुद यहां से सांसद रहे हैं इसलिए उनकी जिम्मेदारी बनती है यहां से कांग्रेस को जिताएं।
पायलट ने कहा कि जिताऊ उम्मीदवार को पार्टी टिकिट देगी, पैमाना सिर्फ जितने वाला है। चार राज्यों में कांग्रेस जीतती हैं तो लोकसभा में कांग्रेस सरकार बनाएंगे। ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग आएंगे, कुछ जाएंगे चुनाव का समय है। अपनी जन संघर्ष यात्रा के बारे में पायलट ने कहा कि जिन मांगों को लेकर उन्होंने यात्रा निकाली थी, उस पर सरकार ने पेपर लीक पर कानून बनाया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में मतभेदों से इनकार करते हुए कहा कि हर संगठन में छोटी मोटी खींचतान चलती रहती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस में कोई अशोक गहलोत या सचिन पायलट गुट नहीं है, सभी खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी गुट के है। सब कांग्रेस के हाथ के साथ है। कांग्रेस में जिसको टिकिट मिलेगा उसको पूरा समर्थन देकर विधानसभा भेजेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिये इंडिया से भारत नाम परिवर्तन किया जा रहा है, जबकि संविधान में दोनों नाम है । उन्होंने केंद्र सरकार पर कहा कि मुद्दा यह है कि राजस्थान से लोकसभा में भाजपा के पच्चीस सांसद गए। उन्होंने राजस्थान के लिए क्या किया, कोई विशेष दर्जा दिया, ईआरपीसी पर क्या किया। जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तो उन्होंने किसी भी राज्य के साथ कभी पक्षपात नहीं किया। पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों की जेब पर डाका डाला।
इस दौरान शहर अध्यक्ष विजय जैन, देहात अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़, विधायक रघु शर्मा, विधायक राकेश पारिक, पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती, नाथूराम सिनोदिया, महेंन्द्र गुर्जर, रामनारायण गुर्जर, महेन्द्र सिंह रलावता, हेमंत भाटी, कमल बाकोलिया, कैलाश कोमल, प्रताप यादव, बनवारी लाल सहित सैकंड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी ने सचिन पायलट का स्वागत किया। उत्साह और भीड़ के कारण सर्किट हाउस का कांच का दरवाजा भी टूट गया।