मिर्जापुर के किसान का बेटा बना लंदन का मेयर, गांव में खुशी की लहर
मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से निकलकर एक किसान का बेटा आज लंदन के बेलिगबौरी शहर का मेयर बन गया है। जिले की सदर तहसील के भटेवरा गांव निवासी राजकुमार मिश्रा ने ब्रिटेन की लेबर पार्टी से चुनाव लड़कर बेलिगबौरी के मेयर पद पर जीत हासिल की है। मंगलवार को उन्होंने मेयर पद की शपथ ली, जिसकी सूचना मिलते ही गांव में जश्न का माहौल बन गया। राजकुमार मिश्रा इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाले मिर्जापुर के पहले व्यक्ति बन गए हैं।
एमटेक के लिए गए थे लंदन, यहीं बनाई नई पहचान
राजकुमार मिश्रा पांच साल पहले बीटेक करने के बाद एमटेक की पढ़ाई के लिए लंदन गए थे। कंप्यूटर साइंस में एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वहीं नौकरी शुरू की और स्थायी रूप से लंदन में बस गए। इसी दौरान उन्होंने लंदन की नागरिकता भी प्राप्त की। कुछ समय पहले उन्होंने ब्रिटेन की मुख्य राजनीतिक पार्टी, लेबर पार्टी, को जॉइन किया और चुनाव लड़कर पहले काउंसलर और अब मेयर के पद तक पहुंचे। राजकुमार की पत्नी अभिषेकता मिश्रा भी एक इंजीनियर हैं और दोनों परिवार के साथ लंदन में रह रहे हैं।
गांव से निकला, लंदन में चमका सितारा
किसान पिता मुन्ना लाल मिश्रा और मां चंद्रकली मिश्रा के बेटे राजकुमार एक साधारण ग्रामीण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार में कुल 10 भाई-बहन हैं। राजकुमार मिश्रा परिवार में छठवें नंबर पर हैं। उनके भाई अधिवक्ता, शिक्षक, डॉक्टर और किसान के रूप में कार्यरत हैं। परिवार के सभी सदस्यों ने राजकुमार की इस सफलता पर हर्ष जताया और गांव में मिठाइयां बांटी गईं।
पिता बोले – नहीं सोचा था बेटा लंदन का मेयर बनेगा
राजकुमार के मेयर बनने की खबर जैसे ही मिर्जापुर पहुंची, गांव में जश्न का माहौल बन गया। पिता मुन्ना लाल मिश्रा ने कहा, “हर रोज बेटे की मां से बात होती थी, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन लंदन में मेयर बन जाएगा। आज वह जो कुछ भी है, यह पूरे परिवार के संघर्ष और पढ़ाई की देन है। हमें गर्व है कि उसने देश और जिले का नाम रोशन किया है।”
भाई रमेश कुमार मिश्रा ने कहा, “यह उपलब्धि सिर्फ हमारे परिवार की नहीं, पूरे मिर्जापुर की है। हमारे पिता ने सभी बेटों को पढ़ाया, तभी हम यहां तक पहुंच पाए।”
समाज और शिक्षा के लिए प्रेरणा
राजकुमार मिश्रा की यह उपलब्धि न केवल मिर्जापुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर वैश्विक मंच तक पहुंचने का उनका सफर यह साबित करता है कि अगर लगन, परिश्रम और परिवार का साथ हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।
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सहसंपादक
संदीप पटेल SPTM