उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू, गांवों का होगा नए सिरे से परिसीमन
लखनऊ |
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। संभावित रूप से अप्रैल-मई 2026 में प्रस्तावित इन चुनावों से पहले राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के नवीन परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुक्रवार को जारी शासनादेश के अनुसार, गांवों के आंशिक पुनर्गठन को लेकर सभी जिलों से 5 जून तक प्रस्ताव मांगे गए हैं।
नगरीकरण से बदली ग्राम पंचायतों की स्थिति
पिछले पंचायत चुनाव (2021) के बाद कई ग्राम पंचायतें और राजस्व ग्राम नवगठित नगर पंचायतों, पालिका परिषदों और नगर निगमों में शामिल हो गए हैं। इससे कुछ ग्राम पंचायतों की जनसंख्या घटकर 1000 से कम रह गई है, जो कि पंचायत गठन के लिए न्यूनतम मानक है। इस स्थिति में उन ग्राम पंचायतों को निकटवर्ती ग्राम पंचायतों में सम्मिलित करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई ग्राम पंचायत पूरी तरह नगरीय क्षेत्र में चली गई है, तो उसे समाप्त किया जाएगा। वहीं, यदि किसी राजस्व ग्राम की आबादी पंचायत गठन के मानक को पूरा करती है, तो उसे स्वतंत्र ग्राम पंचायत के रूप में गठित किया जा सकता है।
चार सदस्यीय समिति करेगी परिसीमन का मूल्यांकन
प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के पुनर्गठन के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। अन्य सदस्य होंगे – मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी (सदस्य सचिव), और अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत।
नगर निकाय विस्तार पर लगी रोक
राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव की तैयारियों को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए नगर पंचायतों, नगर पालिका परिषदों और नगर निगमों के सृजन एवं सीमा विस्तार पर अस्थायी रोक लगा दी है। पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में नगर विकास विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं।
इस आदेश में कहा गया है कि ग्राम पंचायतों के परिसीमन, वार्ड निर्धारण, आरक्षण तय करने, जातिगत और जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के अद्यतन के बाद ही चुनावी प्रक्रिया संभव हो पाएगी। ऐसे में नगरीय सीमा में बदलाव से मतदाता सूची पुनरीक्षण और निर्वाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
इन तिथियों पर खत्म होगा पंचायती कार्यकाल
राज्य में पंचायतों का कार्यकाल क्रमशः निम्न तिथियों पर समाप्त हो रहा है:
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ग्राम पंचायत: 26 मई 2026
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क्षेत्र पंचायत: 19 जुलाई 2026
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जिला पंचायत: 11 जुलाई 2026
इन चुनावों के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण और अन्य तैयारियों में लगभग छह महीने का समय लगने की संभावना है।
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निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनावों को पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से संपन्न कराने के लिए गंभीर पहल करते हुए परिसीमन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। नई सीमाएं तय होने के बाद वार्ड गठन और आरक्षण सूची तैयार की जाएगी। प्रशासन अब इन चुनावों की बुनियादी तैयारियों को प्राथमिकता दे रहा है ताकि अगले वर्ष समय से पहले लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी की जा सके।
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