- कांग्रेस शासन में नहीं हुआ पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने का ठोस प्रयास
- मोदी की गारंटी चुनावी वादे नहीं होते हैं
यूपी की आवाज
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पंचायती राज व्यवस्था भारतीय लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत के पास किसी भी क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने की अपार शक्ति है।
प्रधानमंत्री आज हरियाणा में आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज देश अमृतकाल के संकल्पों की सिद्धि के लिए, विकसित भारत के निर्माण के लिए पूरे उत्साह से एकजुट होकर, संकल्पबद्ध होकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायतें किसी भी सेक्टर में बड़े परिवर्तन लाने की शक्ति रखती है। ऐसे में भाजपा के प्रतिनिधि के तौर पर आप सभी की भूमिका बहुत ही बड़ी हो जाती है।
पंचायती राज व्यवस्था के प्रति उदासीन रवैया अपनाने को लेकर पूर्व की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद 4 दशक तक कांग्रेस को ये समझ ही नहीं आया था कि गांवों में पंचायतीराज व्यवस्था लागू करना कितना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान कभी भी पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए ठोस प्रयास नहीं किए गए। ज्यादातर कार्रवाई आंकड़ों में और कागजों में ही सीमित रही। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आर्टिकल 370 हटने के बाद वहां पहली बार ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के चुनाव हुए हैं। इनमें अब वहां 33 हजार से ज्यादा स्थानीय जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुए। पहली बार वहां जमीनी स्तर पर लोकतंत्र स्थापित हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के सात दशकों के बाद भी 18,000 गांवों में बिजली नहीं पहुंच सकी थी। 16 करोड़ से अधिक ग्रामीण केंद्र कांग्रेस और उसके समान विचारधारा वाले दलों के लिए भ्रष्टाचार का केंद्र बन गए थे।
मोदी ने भाजपा के जिला परिषद के नेताओं से कहा कि विकसित भारत के लिए आपके जिले का विकसित होना भी उतना ही जरूरी है। आपको तय करना चाहिए कि 2047 में हमारा जिला भी विकसित होगा। उन्होंने नेताओं से अगले 5 साल का नक्शा तैयार करने और कार्य का लक्ष्य तय कर हर महीने उसकी रिपोर्ट लेने की सलाह दी। उन्होंने भाजपा प्रतिनिधियों को सप्ताह में 2 रात अपने क्षेत्र के किसी न किसी छोटे स्थान पर जाकर रुकने और लोगों के साथ बैठने का भी सुझाव दिया।
केंद्र सरकार की किसान हितैषी पहलों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि फसल बीमा योजना के जरिये भी देश के किसानों को 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा मिला है। अभी कुछ दिन पहले ही किसानों के लिए वन स्टॉप सेंटर के रुप में 1.25 लाख किसान समृद्धि केंद्र देश को समर्पित किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ये सारे प्रयास किसानों का जीवन आसान बनाने और उनकी आय बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी कई योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी दिख रहा है। पिछले 9 वर्षों में जन-धन योजना के अंतर्गत करीब 50 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं। इस योजना की ज्यादातर लाभार्थी महिलाएं ही हैं। उन्होंने कहा, “मोदी की गारंटी चुनावी वादे नहीं होते हैं। जब मोदी अपनी गारंटी देता हैं, तो वह उसे जमीनी हकीकत में बदल देता है।”
उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना के जरिये देश की ग्रामीण आबादी को प्रॉपर्टी के दस्तावेज देने का अभियान तेजी से चल रहा है। मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने जहां भाजपा की सरकार है, वहां इसपर अच्छा काम हुआ है।