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नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने ट्रेन दुर्घटनाओं में मृत्यु के मामले में आश्रितों को देय अनुग्रह राहत की राशि को दस गुना तक संशोधित किया है।
रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 124 और 124-ए के साथ पठित धारा 123 के तहत परिभाषित ट्रेन दुर्घटनाओं और उन सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए जो मानवयुक्त समपार फाटक दुर्घटना में रेलवे की प्रथम दृष्टया जिम्मेदारी के कारण दुर्घटना में मृत और घायल यात्रियों के आश्रितों को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राहत की राशि को संशोधित करने का निर्णय लिया है।
रेलवे अधिनियम की धारा 124 के तहत पहले मृत्यु के मामले में रेलवे प्रशासन 50,000 रुपये का भुगतान करता था। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी नए सर्कुलर के अनुसार अब ट्रेन दुर्घटनाओं और मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं के लिए इस राशि को संशोधित कर पांच लाख कर दिया गया है।
गंभीर चोट के मामले में इस राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये और साधारण चोट के लिए 5,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। साथ ही किसी अप्रिय घटना की स्थिति में मृत्यु होने पर 1.5 लाख का भुगतान किया जाएगा, जो पहले 15,000 था। गंभीर चोट के लिए मुआवजे की राशि को 5,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है और साधारण चोट के लिए मुआवजे की राशि को 500 से बढ़ाकर 5,000 कर दिया गया है।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि तीस दिनों से अधिक गंभीर रूप से घायल यात्रियों के अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में अतिरिक्त अनुग्रह राहत, ट्रेन दुर्घटना के मामले में प्रति दिन 3,000 रुपये हर दस दिन की अवधि के अंत या छुट्टी की तारीख जो भी पहले हो, जारी की जाएगी। यह पहले 300 रुपये प्रतिदिन था। गंभीर रूप से घायल यात्री को अनुग्रह राशि के भुगतान की अधिकतम अवधि 12 महीने होगी।