राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के पुनर्जागरण का आह्वान — सद्गुरु सुधांशु जी महाराज ने की डॉ. अभिषेक वर्मा की प्रशंसा, स्वामी नृत्य गोपाल दास महाराज ने प्रदान किया ‘सनातन योद्धा’ सम्मान
पंचकूला, 30 अक्तूबर 2025 | पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित शालीमार ग्राउंड में विश्व जागृति मिशन द्वारा आयोजित चार दिवसीय “सनातन संस्कृति जागरण अभियान” का शुभारंभ भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ हुआ। इस आयोजन में राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के पुनर्जागरण का सशक्त संदेश पूरे वातावरण में गूंजता रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज के पावन सान्निध्य में दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पंजाब के महामहिम राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित,
डॉ. अभिषेक वर्मा (मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक, शिवसेना–NDA गठबंधन एवं ट्रस्टी, श्री रामकृष्ण इंटरनेशनल ट्रस्ट) और अनेक संत, महात्मा एवं राष्ट्रवादी चिंतक उपस्थित रहे।
वैदिक मंत्रोच्चार, जयघोष और शंखनाद से पूरा परिसर भक्ति और राष्ट्रभक्ति के भावों से ओतप्रोत हो उठा।
राज्यपाल ने कहा- “धर्म और संस्कृति का उत्थान ही भारत का पुनर्जागरण है”
राज्यपाल श्री पुरोहित ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की आत्मा उसकी संस्कृति और धर्म में बसती है।
उन्होंने कहा — “जब धर्म जागृत होता है, तो भारत विश्वगुरु के रूप में पुनः प्रतिष्ठित होता है। विश्व जागृति मिशन इस दिशा में एक अनोखी आध्यात्मिक क्रांति कर रहा है।”
सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज का संदेश
सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा- “भारत की शक्ति उसके संतों और धर्मयोद्धाओं में है, जिन्होंने सदियों से अन्याय और अधर्म के विरुद्ध संघर्ष किया। अब समय आ गया है कि हम सनातन मूल्यों, राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक अखंडता की रक्षा करें।”
महाराज ने डॉ. अभिषेक वर्मा की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे “सनातन धर्म, हिन्दुत्व और गौ–संरक्षण के क्षेत्र में अदम्य निष्ठा और सेवा भावना से कार्यरत हैं।”
उन्होंने उन्हें आधुनिक युग का “सनातन योद्धा” बताते हुए कहा कि उनके प्रयास भारत की वैदिक परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
‘सनातन योद्धा’ सम्मान की पृष्ठभूमि
सितंबर 2025 में स्वामी नृत्य गोपाल दास जी महाराज (अध्यक्ष, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या) ने डॉ. अभिषेक वर्मा को “सनातन योद्धा” की उपाधि प्रदान की थी।
यह सम्मान उन्हें गौ–संरक्षण, हिन्दुत्व और वैदिक संस्कृति के प्रचार–प्रसार में उनके निस्वार्थ योगदान के लिए दिया गया था।
डॉ. अभिषेक वर्मा का राष्ट्रवादी संबोधन
अपने प्रेरक उद्बोधन में डॉ. वर्मा ने कहा- “भारत केवल एक भूभाग नहीं, यह सनातन धर्म का जीवंत स्वरूप है। हमारे पूर्वजों ने इस सभ्यता की रक्षा बलिदान और तपस्या से की थी। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस ज्योति को पुनः प्रज्वलित करें।”
उन्होंने आगे कहा – “जब हर हिन्दू स्वयं को सनातन योद्धा के रूप में पहचानेगा, तब भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा और सत्य, धर्म तथा मानवता का मार्ग दिखाएगा।”









