सेवानिवृत्त असैनिक यशपाल एस. जांगिड़ ने थामी समाज सेवा की बागडोर, योग और संस्कार के माध्यम से कर रहे देश का मार्गदर्शन
मेरठ।
देश की सेवा में 36 वर्षों तक समर्पित रहने के बाद अब समाज सेवा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम कर रहे हैं मेरठ निवासी श्री यशपाल एस. जांगिड़। 510 आर्मी बेस वर्कशॉप, मेरठ कैंट से 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए यशपाल जांगिड़ अब स्वामी रामदेव जी के पतंजलि योग मिशन से प्रेरित होकर निःशुल्क योग शिविरों और कक्षाओं के माध्यम से समाज को स्वास्थ्य और आध्यात्म की राह दिखा रहे हैं।
पत्नी श्रीमती गीता देवी के साथ एक सप्ताह पतंजलि योगग्राम में प्रवास कर उन्होंने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से निरोगी भारत के निर्माण का संकल्प लिया। उनका जीवन अब “जियो और जीवन दो” के संदेश को समर्पित है।
शिक्षा और आरंभिक जीवन
बागपत जिले के ग्राम बुढ़ सैनी में 18 अगस्त 1964 को जन्मे यशपाल जी ने मेरठ के देवनागरी डिग्री कॉलेज से गणित विषय में एम.एससी. की डिग्री प्राप्त की। छात्र जीवन में वे खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे और अनेक पुरस्कार हासिल किए।
देश सेवा की लंबी यात्रा
उन्होंने 14 दिसंबर 1987 को 510 आर्मी बेस वर्कशॉप में टैक्नीशियन के रूप में अपने सेवा जीवन की शुरुआत की। सेवाकाल के दौरान तीन बार ईएमई कोर के महानिदेशकों से नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र, दो बार सिल्वर मेडल, और हिंदी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई प्रशंसा पत्र प्राप्त किए।
पारिवारिक जीवन
वर्ष 1989 में गाजियाबाद की गीता देवी (कैप्टन दयानंद की सुपुत्री) से उनका विवाह हुआ। उनके दो संतानें हैं — पुत्र चितवन शर्मा, पुत्री प्रेरणा शर्मा, और दो पौत्र-पौत्रियां आव्या और अनंत।

समाज सेवा और सक्रिय सहभागिता
सेवानिवृत्ति के बाद श्री जांगिड़ कई संगठनों से जुड़े हैं:
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उपप्रधान, अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा, दिल्ली
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प्रदेश प्रभारी, विश्वकर्मा एजुकेशन ट्रस्ट, दिल्ली
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जिला मीडिया प्रभारी, भारतीय योग संस्थान, मेरठ
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कार्यकारिणी सदस्य, संस्कार भारती, मेरठ
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मंत्री, अखिल भारतीय साहित्यलोक, मेरठ
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सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन, पल्लवपुरम के कोर कमेटी सदस्य
इसके साथ ही वे तेज पब्लिक स्कूल, मेरठ में कार्यालय अधीक्षक के रूप में भी योगदान दे रहे हैं।













