राजनीती

प्रत्याशियों के लिए आज कत्ल की रात, ठेकेदारों की गुरुवार को खुलेगी कलई

फर्रुखाबाद, यूपी की आवाज।
मतगणना शुरू होने में चन्द घण्टे ही शेष हैं। उम्मीदवारों के लिए बुधवार की रात कत्ल की रात है।
करवटें बदलते रहे सारी रात हम…. बस कुछ इसी तरह उम्मीदवारों की रात कट रही है, लेकिन गुरुवार का दिन उन ठेकेदारों के लिए भी शुभ नहीं है जिन्होंने प्रत्याशियों से वोट दिलवाने के नाम पर लाखों के वारे न्यारे करते हैं। आपको बता दें जैसे ही आचार संहिता लागू हुई वोट के ठेकेदार उम्मीदवारों के इर्द गिर्द मंडराने लगे। कोई जाति के नाम पर वोट डलवाने के लिए रकम डकारी, तो किसी ने समाज के वोटों का ठेका लिया। कोई सम्प्रदाय का ठेकेदार बनकर नेता जी की चौखट पर पहुंचा तो किसी ने आधी आबादी को ही बेच दिया। कुछ तो ऐसे भी थे जिन्होंने फर्जी वोटिंग का ठेका ले लिया। परधान जी ने तो पूरे गाँव के ही वोट बेच दिए। जो ठेकेदार नेताओं के पास फटी चप्पल में पहुंचे थे, कुछ दिनों बाद जेन्टलमैन नजर आने लगे।
अगर इतिहास पर गौर करें तो जिन जिन उम्मीदवारों ने पैसे के दम पर चुनाव जीतना चाहा उनके हिस्से में हार ही आई है। क्योंकि यदि एक मतदाता को पता चल जाता है कि उसका वोट का सौदा हो गया है तो फिर वह मतदाता भड़ास ईवीएम में निकालता है। प्रत्याशियों को जिताने का ठेका लेने वाले समाज के ठेकेदारों की आज मतगणना होते ही पोल खुल जायेगी कि उनके कहने पर उनके समाज ने किस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है।
जनपद की चारों विधानसभाओं के नामांकन के पश्चात चुनाव चिन्ह मिलते ही निर्दलीय को छोड़कर पार्टी सिंबल से चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के आसपास अपने-अपने समाज की ठेकेदारी करने वाले मौसमी नेता घूमते दिखायी दिये। अपने-अपने समाज का वोट फला प्रत्याशी के पक्ष में कराने की बात कहते सुने गये थे। कुछ ऐसे भी चुनावी नेता दिखायी दिये जो प्रत्याशी को घर बैठे ही बता देते थे कि उस क्षेत्र में जाने की जरुरत नहीं है। सब आपके पक्ष में वोट पड़ेगा। जैसे-जैसे मतदान होने के बाद मतगणना की तिथि नजदीक आती गई वैसे-वैसे प्रत्याशियों के पक्ष में वोट डलवाने वाले समाज के ठेकेदार लोगों को नजर आना बंद हो गये। आज मतगणना होने के दौरान समापन तक प्रत्येक बूथ, प्रत्येक ग्रामसभा, प्रत्येक विधानसभा में किस प्रत्याशी को कितना मत मिला है। उसकी गिनती होने के पश्चात जमीन से जुड़े नेताओं को छोड़कर अधिकांश समाज की ठेेकेदारी करने वाले लोगों की पोल खुल जायेगी कि उनका समाज उन पर कितना विश्वास करता है।

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