उत्तर प्रदेश बनेगा वैश्विक धार्मिक पर्यटन का केंद्र, 4560 करोड़ की लागत से जुड़ेंगे तीर्थस्थल
लखनऊ, 20 मई:
उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। राज्य के ऐतिहासिक, पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व वाले स्थलों को आपस में जोड़ने वाली सड़कों का जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण ₹4,560 करोड़ की लागत से किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और सुगम यात्रा सुविधा प्रदान करना है।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आस्था और विरासत से जुड़े स्थलों के सौंदर्यीकरण और विकास को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है।
प्रमुख स्थल होंगे लाभान्वित
इस योजना के तहत अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, चित्रकूट, प्रयागराज, नैमिषारण्य और मिर्जापुर जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्गों को चौड़ा किया जाएगा, उनका नवनिर्माण होगा और सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में तेजी से होगा कार्य
इस परियोजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 में तेजी से क्रियान्वित किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) और धर्मार्थ कार्य विभाग मिलकर कुल 272 कार्य पूरे करेंगे, जिसमें 4560 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि खर्च की जाएगी।
श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ
सरकार का मानना है कि इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद श्रद्धालुओं को बेहतर यातायात सुविधाएं मिलेंगी, जिससे न केवल उनकी यात्रा सुगम होगी बल्कि यात्रा का समय भी घटेगा। साथ ही यह पहल उत्तर प्रदेश को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर एक सशक्त पहचान दिलाने में सहायक होगी।
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आस्था और विरासत के संरक्षण’ के विजन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाला है, जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
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स्रोत: सरकारी बयान, भाषा
(सहसंपादक)
संदीप पटेल SPTM