देश-दुनियाँ

जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आगाज, अस्पतालों में लगे मेले

-सदर और अमरपुर रेफरल अस्पताल में एसीएमओ ने किया मेले का उद्घाटन
-31 जुलाई तक जिले के लोगों को परिवार नियोजन के प्रति किया जाएगा जागरूक
बांका, 11 जुलाई-
जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आगाज सोमवार को हो गया। इसे लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में मेले का आयोजन किया गया, जहां पर लोगों को परिवार नियोजन की अस्थायी सामग्री का वितरण किया गया। साथ ही लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक भी किया गया। इस दौरान दंपतियों की काउंसिलिंग भी की गई। यह पखवाड़ा 31 जुलाई तक चलेगा। सदर अस्पताल में मेले का उद्घाटन एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने किया। मौके पर अस्पताल मैनेजर अमरेश कुमार, केयर इंडिया के डीटीओ राकेश कुमार और मयूकजी समेत कई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे। अमरपुर रेफरल अस्पताल में भी परिवार नियोजन मेले का उद्घाटन एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने ही किया। वहां पर भी लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया गया और अस्थायी सामग्री का वितरण किया गया।
उद्घाटन के बाद एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि जनसंख्य स्थिरीकरण पखवाड़ा 31 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही परिवार नियोजन में अस्थाई सामग्री के इस्तेमाल के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा। अगर किसी के मन में अस्थायी सामग्री के उपयोग से साइड इफेक्ट का भय रहेगा तो उसे भी दूर किया जाएगा। डॉ. चौधरी ने कहा कि परिवार नियोजन में अस्थायी सामग्री बहुत ही कारगर है। कंडोम, कॉपर टी, अंतरा जैसी अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल में लोगों को झिझक नहीं करना चाहिए। इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। साथ ही परिवार नियोजन में भी सहायक होता है। डॉ. चौधरी ने कहा कि पखवाड़ा के दौरान लोगों को बताया जाएगा कि पहला बच्चा 20 साल के बाद और दो बच्चे के बीच तीन का अंतराल रखने के बारे में लोगों को बताया जाएगा। साथ ही जिनलोगों के दो बच्चे हो गए हैं, उन्हें बंध्याकरण के लिए तैयार किया जाएगा।
दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूरीः डॉ. चौधरी ने कहा कि दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। साथ ही बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इससे बच्चा आगे जाकर बीमारी की चपेट में कम आता है। अगर आ भी गया तो वह उससे जल्द उबर जाता है। उन्होंने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा से पहले दंपति संपर्क पखवाड़ा चलाया गया। 26 जून से 10 जुलाई तक जिले में दंपति संपर्क पखवाड़ा चला। इसके तहत आशा कार्यकर्ता ने क्षेत्र में जाकर लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया। साथ ही योग्य दंपति को ढूंढ़ा। लोगों को दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने के लिए आशा कार्यकर्ताओं ने जागरूक करने का काम किया। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता का काम लगातार चलता रहता है। लोगों को इसमें दिलचस्पी बढ़ानी चाहिए। परिवार नियोजन से लोग न सिर्फ स्वस्थ पारिवारिक जीवन जीते हैं, बल्कि कई अन्य तरह के फायदे भी होते हैं।
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