देश-दुनियाँ

स्कूली बच्चों को दी गई टीबी के कारण,लक्षण,बचाव एवं उपचार की जानकारी

– टीबी उन्मूलन अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित कर दी गई जानकारी
– जिले के विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न स्कूलों में कार्यक्रम का हुआ आयोजन

भागलपुर, 15 नवंबर-

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली बच्चों को टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं, मध्य विद्यालय मोहनपुर (गोराडीह) में केएचपीटी द्वारा टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों को टीबी बीमारी से बचाव के लिए जरूरी और आवश्यक जानकारी दी गई और इस बीमारी के कारण व लक्षण की जानकारी देते हुए समय पर इलाज कराने के लिए जागरूक किया गया। इसके बाद 250 बच्चों की स्क्रीनिंग भी की गयी । जिसमें 05 बच्चे लक्षण वाले मिले, जिन्हें समुचित जाँच के लिए स्थानीय पीएचसी रेफर किया गया। इस मौके पर केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक दीपक कुमार समेत स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे। वहीं, राजकीय श्री लक्ष्मी कन्या मध्य विद्यालय में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर एच एम इंद्रा कुमारी आदि मौजूद थी । वहीं, नाथनगर प्रखंड के वार्ड नंबर – 06 महादलित टोला में स्थित मध्य विद्यालय में भी अंग मदद फाउंडेशन के सहयोग से राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।

– टीबी लाइलाज नहीं, पर समय पर जाँच के साथ इलाज शुरू कराना जरूरी :
केएचपीटी के सामुदायिक समन्वयक दीपक कुमार ने बताया, टीबी लाइलाज नहीं है। किन्तु, समय पर जाँच और जाँच के पश्चात चिकित्सकों के सलाहानुसार इलाज शुरू कराना जरूरी है। क्योंकि, शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू कराने से इस बीमारी को आसानी के साथ मात दी जा सकती है। इसके लिए सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर समुचित जाँच और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इसलिए, लक्षण महसूस होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जाँच कराएं और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज भी शुरू कराएं।

– टीबी मुक्त भारत निर्माण के सामुदायिक स्तर पर हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी :
सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसे सार्थक रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। इसलिए, इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ना केवल खुद जागरूक होने की जरूरत है बल्कि, पूरे समुदाय को भी जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए, ना सिर्फ खुद बल्कि आपको अन्य कोई भी टीबी लक्षण वाले लोग दिखें तो उन्हें तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य जाँच और इलाज कराने के प्रेरित करें। साथ ही आवश्यकतानुसार अपने स्तर से जाँच व इलाज कराने में सहयोग भी करें। आपकी यही पहल टीबी मुक्त भारत निर्माण और राष्ट्रहित में सबसे बेहतर और सराहनीय कदम होगा।

– ये हैं टीबी बीमारी के प्रारंभिक लक्षण :
– 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना।
– बलगम में खून आना।
– एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना।
– लगातार शरीर वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना।

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