सेहत

फाइलेरिया अभियान को लेकर आशा, सेविका और प्रेरकों को दिया गया प्रशिक्षण

-मास्टर ट्रेनर ने डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिलाने के बताए तरीके
-जिले में 20 सितंबर से फाइलेरिया उनमूलन को लेकर चलाया जाएगा अभियान

भागलपुर, 15 सितंबर | सदर अस्पताल में बुधवार को आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका और प्रेरकों (मोबाइलजर) को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। सभी लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिलाने की जानकारी दी गई। इस दौरान मास्टर ट्रेनर ने बताया कि अपने सामने ही लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिलानी है। मालूम हो कि जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 20 सितंबर से अभियान शुरू हो रहा है। इसमें आशा कार्यकर्ता या आंगनबाड़ी सेविका और जहां पर ये दोनों नहीं हैं, वहां प्रेरक (मोबाइलजर) घर-घर जाकर डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिलाएंगी। मौके पर डीआई रविकांत झा, केटीएस ए. मन्नान, केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक और एमडीए कॉर्डिनेटर रूपा श्री मौजूद थीं।
50 लाभुकों को गोली खिलाने पर 600 रुपये की प्रोत्साहन राशिः
20 जुलाई से शुरू हो रहे अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं की दो टीम बनाई गई है। दोनों का क्षेत्र मिलाकर एक टीम को 400 लाभुकों को गोली खिलानी है। एक आशा कार्यकर्ता अगर 50 लाभुकों को गोली खिलाती हैं तो उन्हें 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 14 दिनों में अगर आशा कार्यकर्ता 400 लाभुकों को दवा दे देती हैं तो उन्हें 4800 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी। जहां पर आशा कार्यकर्ता नहीं हैं, वहां पर यह राशि आंगनबाड़ी सेविका या फिर मोबलाइजर को दी जाएगी। इस बात की जानकारी प्रशिक्षण के दौरान दी गई।
14 दिनों तक चलेगा अभियानः
जिले में 20 सितंबर से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू हो रहा है। इसके तहत सभी लोगों को मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के तहत डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसे लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग तैयारी में लगा हुआ है। प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों को दी जाने वाली जानकारी के बारे में बताया गया। इस दौरान अलग-अलग उम्र के लोगों को दवा खिलाने के नियमों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण ले रहीं आशा, सेविका और मोबलाइजर को बताया गया कि अभियान 14 दिनों तक चलेगा। इस दौरान उन्हें बताया गया कि दवा खिलाने के बाद रजिस्टर में लाभुकों का नाम भी दर्ज होगा। साथ ही अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग को केयर इंडिया और पीसीआई सहयोग भी करेगा।
अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाना हैः
अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। अल्बेंडाजोल की गोली लोगों को चबाकर खाना है। इसे लाभुकों को बताना होगा। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जाएगी। साथ ही गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जाएगी।
घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने देः
जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) डॉ. कुंदन सिंह पटेल ने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।

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