-इंटरनेशनल व नेशनल लेवल इंटरनशिप में यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनीज का बड़ा योगदान – डॉ. अनिल डी सहस्त्रबुद्धे, चेयरमैन, एआईसीटीई
– डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी ने यूएएस ग्रुप के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
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नईदिल्ली-
यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनीज का आठवां वार्षिक मिट द्वारिका के आईटीसी वेलकम होटल में आयोजित किया गया। इस आयोजन में देशभर के एकेडमिशियन और कंपनियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया जहां एमओयू भी साईन किए गए। वहीं एआईसीटीई के चेयरमैन डॉ अनिल डी सहस्त्रबुद्धे को लाइफ टाइम एचिवमेंट अवार्ड से नवाजा गया।
यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनीज का आठवां वार्षिक मिट द्वारिका के आईटीसी वेलकम होटल में आयोजित किया गया। इस खास आयोजन में देश भर के एकेडमिशीयन, डायरेक्टर, विभिन्न कंपनियों के एमडी व सीईओ ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस खास आयोजन पर कंपनियों के साथ एमओयू भी साइन किए गए।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल डी सहस्त्रबुद्धे मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस खास कार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच एआईसीटीई के चेयरमैन डॉ अनिल डी सहस्त्रबुद्धे को लाइफ टाइम एचिवमेंट का पुरस्कार से नवाजा गया। अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने इस एचिवमेंट को एआईसीटीई के सभी सहयोगियों को समर्पित किया।
इस मौके पर डॉ अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हर आदमी संघर्ष के दौर से गुजर रहा है इस संघर्ष दिनों में भी जो संस्थाएं एकजुट होकर कार्य करती रही है उसमें एक यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनीज है। खास तौर पर इसके लिए यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ व एमडी ईसान तनेजा बधाई के पात्र हैं जिन्होंने इस महामारी में भी शिक्षा से जुड़े युवा, फैक्लटी, कॉलेज मेम्बर को जोड़े रखा ओर रेगुलेटर ओर एकडेमी के बीच पुल का कार्य करते रहे। अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि आज बदलाव का दौर है ओर एआईसीटीई ने इंटर्नशिप अनिवार्य कर दिया है जिसमें यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनीज ने बेहतरीन कार्य आज छात्रों की पहली पसंद बन गया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इंटरनेशनल एक्सपोजर यहीं दिया जाता है। इस कंपनी से जुड़कर छात्र आज कई कंपनियों के सीईओ तक के पद पर कार्य कर रहे हैं। जो संस्थान की एचीवमेंट तो हैं ही साथ में ऐसे संस्थान जो पुल का कार्य करते हुए व्यक्तित्व के विकास पर काफी जोर देता है। जिससे छात्रों का ओवरओल विकास होता है।
मुख्य अतिथि के तौर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईसीएफएआई के ब्राइंडिंग डायरेक्टर सुधाकर राव ने कहा कि आज देश में ऐसे संस्थानों की जरूरत है जिसकी भरपाई यूएएस ग्रुप लगातार कर रहा है।
सुधाकर राव ने कहा कि आज शिक्षा में सबसे बड़ा गैप इंडस्ट्री ओर एकेडमिया में है, जिसे पाटना आवश्यक है। ऐसे ही कोशिश में लगातार कर रहा है यूएएस ग्रुप। इसके लिए यूएएस ग्रुप के सीईओ ईशान तनेजा लगातार संस्थानों से नेटवर्किंग ओर उनकी समस्याओं का खास ख्याल रखते हैं।
इस मौके पर डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी की वीसी सयाली गंकर ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में व्यावसायिक कुशलता की उन्नति करना है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है। जिसकी पूर्ति यूएएस ग्रुप लगातार कर रहा है। यूएएस ग्रुप का ध्यान लगातार छात्रों में व्यावसायिक क्षमता की उन्नति करना है जिससे उनकी कार्यकुशलता को बढ़ावा मिले। इसके लिए कई तरह की बाउंडिंग भी करता है। छात्रों को यहीं इंटरनेशनल एक्सपोजर भी मिलता रहा है।
इस खास मौके पर डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी ने यूएएस ग्रुप के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी यूएएस ग्रुप का ओफिसियल पार्टनर हो गए जहां दोनों कंपनियां प्लेसमेंस इंटर्नसिप ओर ग्लोबल एक्सपोजर पर कार्य करेंगे। जिसके लिए यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनी जाना जाता है।
यूएएस ग्रुप ऑफ कंपनी के सीईओ ईसान तनेजा ने वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों में चार कंपनियों को वे सफलतापूर्वक चला रहे हैं। जिसमें यूएएस इंटरनेशनल वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी, यूएएस इंटरनेशनल हॉस्टल चेन, यूएएस इंटरनेशनल हॉलिडेज प्रा. लि. है और अभी एलोफ्ट करियर नाम से ओन लाइन एजुकेशन का नया प्लेटफोर्म तैयार किया गया है जिसको लेकर युवाओं में उत्साह है।
ईसान तनेजा ने कहा कि कंपनी में सफलता कर्मचारियों के साथ सभी संस्थानों का जाता है जिन्होंने हम पर विश्वास बनाए रखा और हमसे जुड़े रहे।
यूएएस ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री के आठवें एनुअल मिट में एकेडमिशियन ओर वरिष्ठ अधिकारियों को उनके विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया। इसके साथ ही इंटर्नशीप में उत्कृष्ट कर रहे छात्रों को सम्मानित किया गया। यूएएस ग्रुप विगत आठ वर्षों से लगातार तालमेल बनाकर आगे बढ़ रहा है जिससे आज कंपनियों की उत्तरोत्तर वृद्धि भी हो रही है। यूएएस ग्रुप आज के समय को देखते हुए ऑनलाइन एजुकेशन की नई कंपनी को भी आगे लाया है ताकि आने वाले समय में छात्रों को लाभ मिल सके वहीं संस्थानों को भी सहायता मिल सके।