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सुरक्षित प्रसव के लिए उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी, इसलिए संस्थागत प्रसव को दें प्राथमिकता

– सुरक्षित प्रसव के लिए पीएचसी व अस्पताल में समुचित व्यवस्था है उपलब्ध
– गर्भावस्था के दौरान योग्य चिकित्सकों से ले परामर्श, करें पालन, -प्रसव पूर्व चार जांच सुरक्षित प्रसव के लिए है जरूरी
– प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की मिलेगी जानकारी
खगड़िया, 06 दिसंबर।
सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देना जरूरी है। दरअसल, सुरक्षित प्रसव के लिए उचित स्वास्थ्य प्रबंधन बेहद जरूरी है। पीएचसी से लेकर जिला अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के लिए पूरी सुविधा उपलब्ध है और लोगों को संस्थागत प्रसव के दौरान बेहतर से बेहतर सुविधा देने के लिए शासन-प्रशासन भी पूरी तरह सजग है। संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने से ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर में भी कमी आएगी। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। ताकि सुरक्षित प्रसव के ऑकड़े में वृद्धि हो सके और मातृ शिशु मृत्यु दर पर विराम लग सके।
– सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल में उपलब्ध हैं पर्याप्त सुविधा :
सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा ने बताया,  सुरक्षित प्रसव के लिए पीएचसी एवं जिले के अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं और प्रसव के लिए आने वाली प्रसूता को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले इस बात का विशेष ख्याल भी रखा जाता है। इसके अलावा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ विभाग से जुड़ी एएनएम और आशा अपने-अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहीं हैं।
– सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच है जरूरी :
शिशु-मृत्यु दर में कमी के लिए बेहतर प्रसव एवं उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ  शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाली रक्तस्राव के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है। जिसमें प्रसव पूर्व जाँच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जाँच के प्रति महिलाओं की जागरूकता ना सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है बल्कि, सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती है। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ एवं शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
– हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है मुफ्त जाँच :
सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लिए हर माह की नौ तारीख को सभी पीएचसी एवं सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत मुफ्त जाँच की जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस आदि कार्यक्रम के माध्यम से एनेमिक गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रही है एवं साथ ही सामुदायिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर खान-पान के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही अधिक से अधिक गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं की चारों प्रसव पूर्व जांच माता एवं उसके गर्भस्थ शिशु की स्थिति स्पष्ट करती है और संभावित जटिलताओं का पता चलता है। लक्षणों के मुताबिक जरूरी चिकित्सीय प्रबंधन किया जाता है ताकि माता और उसके शिशु दोनों स्वस्थ रहें।
– इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :
– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
– विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।
– बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
– वैक्सीनेशन के साथ सावधानी और सतर्कता भी जारी रखें।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
– नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।
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