लखनऊ, यूपी की आवाज।
योगी आदित्यनाथ आज दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही वह प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन जाएंगे, जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता संभालेंगे। गुरुवार को योगी आदित्यनाथ ने सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। योगी आदित्यनाथ आज शाम चार बजे अटल बिहारी वाजपेयी क्रिकेट स्टेडियम भव्य समारोह में शपथ लेंगे।
ये नए चेहरे भी पा सकते हैं मौका
अरविंद कुमार शर्मा, असीम अरुण, राजेश्वर सिंह, अश्वनी त्यागी, शलभमणि त्रिपाठी, राजेश त्रिपाठी, ब्रजेश सिंह रावत, दयाशंकर सिंह, राजेश चौधरी, दीनानाथ भास्कर, और प्रतिभा शुक्ला।
इन महिलाओं को भी मिल सकती है जगह
नीलिमा कटियार, गुलाब देवी, डॉ. सुरभि, अंजुला माहौर, केतकी सिंह, प्रतिभा शुक्ला, अनुपमा जायसवाल, अदिति सिंह और सरिता भदौरिया।
आशीष पटेल और संजय निषाद की भी चर्चा
योगी मंत्रिमंडल में अपना दल (एस) के आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। निषाद पार्टी और अपना दल से एक-एक राज्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।
शपथ ग्रहण से पहले किसी से भी नहीं मिलेंगे योगी आदित्यनाथ :
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले योगी आदित्यनाथ किसी से भी नहीं मिलेंगे। कयास लगाए जा रहे थे कि आज जिन विधायकों को मंत्री पद की शपथ लेने है, उनको मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर चाय पर बुलाया गया है। यहां पर किसी को चाय पर नहीं बुलाया गया है। सीएम आवास पर चाय पर चर्चा का कोई कार्यक्रम नहीं है। सीएम के सरकारी आवास से किसी विधायक या पूर्व मंत्री को चाय पर नहीं बुलाया गया है। आज शपथ ग्रहण के पहले मुख्यमंत्री किसी से नहीं मिलेंगे।
मंत्रिमंडल को लेकर तमाम अटकलें :
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद से ही योगी मंत्रिमंडल को लेकर तमाम अटकलें चल रही हैं। इसमें हर नाम के पीछे अपने-अपने तर्क भी हैं। सर्वाधिक चर्चा इसकी है कि अब उपमुख्यमंत्री कौन बनेगा। केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए हैं, इसलिए उनकी दावेदारी कमजोर कही जाने लगी तो डा. दिनेश शर्मा को संगठन में भेजने की चर्चा चल पड़ी। इसी दौरान भाजपा ने चुनाव हारे पुष्कर सिंह धामी को दोबारा उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया तो केशव को लेकर कयास बदल गए। अब वही फार्मूला यहां भी लागू हो सकता है। मौर्य संगठन का कौशल रखते हैं और पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। उन्हें दोबारा डिप्टी सीएम बनाकर पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण वर्ग को नाराज क्यों करना चाहेगी, इसी कारण डा. दिनेश शर्मा भी दोबारा बनाए जा सकते हैं। इन तर्कों को हवा तब भी मिली, जब विधायक दल की बैठक के मंच पर दोनों को स्थान मिला और फिर सरकार बनाने का प्रस्ताव देने के लिए राजभवन गए प्रतिनिधिमंडल में भी वह शामिल रहे। इस पद के दावेदारों में कई दिन से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और दलित नेता के रूप में उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य का नाम भी चल रहा है। अब इनका कैबिनेट मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही प्रमुख पदों में विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी भी है। अटकलें हैं कि संसदीय कार्य के अनुभवी, नौवीं बार के विधायक सुरेश खन्ना को यह दायित्व सौंपा जा सकता है, जबकि संसदीय कार्यमंत्री वरिष्ठ और अनुभवी विधायक सूर्यप्रताप शाही बनाए जा सकते हैं।
ब्यूरोक्रेटस एके शर्मा, असीम अरुण और राजेश्वर को भी मिलेगा मौका :
कैबिनेट मंत्री की सूची में सेवानिवृत आइएएस अफसर एमएलसी एके शर्मा, कन्नौज सदर से जीते से जीते पूर्व आइपीएस अफसर असीम अरुण तथा लखनऊ के सरोजनीनगर से विधायक पूर्व पीपीएस अफसर राजेश्वर सिंह के नाम भी संभावित हैं। इनमें असीम का दावा दलित होने के नाते भी मजबूत हो जाता है। इन तीनों को ही महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कई सेवानिवृत्त अधिकारियों को मंत्री बनाया जा चुका है, इसलिए इस फार्मूले में यह तीनों फिट बैठते हैं।
फिर लौटेंगे पुरानी कैबिनेट के दिग्गज :
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, डा. धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान को हटा दें तो ग्यारह मंत्री चुनाव हार गए हैं। केशव के अतिरिक्त किसी हारे मंत्री को दोबारा यह मौका दिए जाने की संभावना बहुत कम है, लेकिन कैबिनेट में रहे पुराने दिग्गजों की वापसी तय है। इनमें सतीश महाना, जयप्रताप सिंह, आशुतोष टंडन, श्रीकांत शर्मा, बृजेश पाठक, कपिल देव अग्रवाल, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, जितिन प्रसाद आदि नाम हैं, जिन्हें पहले से अधिक महत्वपूर्ण विभाग दिए जा सकते हैं। बड़ी जीत, महिला, युवा और जातीय समीकरण सहित कई पैमाने योगी के नए मंत्रिमंडल के गठन का आधार बनेंगे। इनके साथ युवाओं में पंकज सिंह, नीरज बोरा, शलभमणि त्रिपाठी, अदिति सिंह, प्रकाश द्विवेदी जैसे नाम हो सकते हैं तो विपक्षी दिग्गजों को हराने वालों में राजेश चौधरी, केतकी सिंह, दयाशंकर सिंह जैसे नाम शामिल हैं। पिछली सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष बनाए गए नितिन अग्रवाल अबकी मंत्री बनाए जा सकते हैं। अपना दल एस के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद का भी इस बार कैबिनेट मंत्री बनना तय माना जा रहा है।