कानपुर, यूपी की आवाज।
कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की चार विधान परिषद सीटों के लिए होने वाले चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन सीटों के अधीन एक दर्जन जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा के हैं। इन पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत का दारोमदार टिका हुआ है। इनकी जिम्मेदारी है कि वोट पार्टी के पक्ष में ही पड़ें।
कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में फतेहपुर-कानपुर, इटावा-फर्रुखाबाद, बांदा-हमीरपुर, जालौन-झांसी-ललितपुर विधान परिषद सीटें हैं। इनमें फतेहपुर कानपुर में सपा के दिलीप सिंह, इटावा-फर्रुखाबाद में सपा के पुष्पराज जैन ‘पंपी’, बांदा-हमीरपुर सपा के रमेश मिश्रा, जालौन, झांसी व ललितपुर से सपा की रमा निरंजन विजेता थीं। हालांकि, इस बार स्थितियां बदली हुई हैं। फतेहपुर-कानपुर में सपा के दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव के सामने भाजपा के अविनाश ङ्क्षसह हैं। इटावा-फर्रुखाबाद में भाजपा से प्रांशु दत्त द्विवेदी तो सपा से हरीश यादव मैदान में हैं। बांदा-हमीरपुर में सपा के आनंद कुमार तो भाजपा से जितेंद्र सिंह सेंगर मैदान में हैं। वहीं झांसी-जालौन सीट पर पिछली बार सपा से जीतीं रमा निरंजन भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। उनके सामने सपा के श्याम सुंदर पारीक्षा हैं।
जिला पंचायत चुनाव जीतने के बाद से ही भाजपा ने इन सीटों पर अपनी पकड़ बना ली थी। 14 जिलों में से 12 में भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। फतेहपुर-कानपुर सीट पर फतेहपुर में अभय प्रताप और कानपुर की स्वप्निल वरुण जिला पंचायत अध्यक्ष हैं तो वहीं कानपुर देहात से निर्दलीय चुनाव लड़ी धीरज रानी भी भाजपा की विचारधारा से जुड़ी हुई हैं। वहीं फर्रुखाबाद-इटावा सीट के तहत आने वाले फर्रुखाबाद में भाजपा समर्थित मोनिका यादव, कन्नौज से प्रिया शाक्य, औरैया में कमल दोहरे भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। यहां सिर्फ इटावा में सपा के अंशुल यादव ही जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। बांदा-हमीरपुर सीट के तहत आने वाले बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर सभी जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के हैं। यही स्थिति झांसी-जालौन-ललितपुर सीट की है। इन तीनों जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा के ही हैं।
भाजपा ने मैदान में उतारे 40 विधायक :
भाजपा कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह यूं तो सभी विधायकों को भी चुनाव में लगने के निर्देश कर चुके हैं लेकिन सबसे ज्यादा जिम्मेदारी जिला पंचायत अध्यक्षों को दी गई है। समाजवादी पार्टी इस मामले में बहुत पीछे रह गई है। भाजपा के पास इस क्षेत्र में 40 विधायक भी हैं जिन्हें पार्टी ने मैदान में उतार दिया है।