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बल, प्रलोभन या धोखाधड़ी के जरिये धर्म परिवर्तन कानूनन गलतः सुप्रीम कोर्ट

यूपी की आवाज

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोपित मौलाना कलीम सिद्दीकी की जमानत रद्द करने की मांग पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में धर्म परिवर्तन की इजाजत है लेकिन प्रलोभन, बल या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, यह कानूनन गलत है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से आरोपित के खिलाफ विशिष्ट भूमिका वाले आरोपों का विवरण दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि आप के मुताबिक आरोपित विदेशों से धन लेकर धर्मांतरण कराता था। तब राज्य सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कहा कि इतना ही नहीं आगे की जांच से यह भी पता चला कि देशभर में ऐसे लोगों का नेटवर्क है, जो भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और संविधान को शरिया कानून से बदलने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कलीम सिद्दीकी को अप्रैल में जमानत दी थी, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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