देश-दुनियाँ

कैसे हो पढ़ाई, जब छात्र ढो रहे सिलेण्डर

शमसाबाद(फर्रुखाबाद), यूपी की आवाज।
फर्रुखाबाद की बेसिक शिक्षा राम भरोसे चल रही है। सरकार ने मिड डे मील इसलिए लागू किया था ताकि बच्चों को पौष्टिक भोजन मिल सके और अधिक से अधिक बच्चे स्कूल की ओर आकर्षित हों। लेकिन यह योजना छात्रों के लिए ही जी का जंजाल बनी हुई है।


शमसाबाद विकास खण्ड स्थित कन्या पूर्र्व मा0 विद्यालय कुइयाँ खेड़ा में बच्चों से सिलेण्डर मंगवाए जाते हैं। इतना रिस्की कार्य बच्चों से कराए जाने से कोई अप्रिय घटना हो सकती है। कौन जिम्मेदार होगा इसका। बच्चों का कहना है कि स्कूल के सभी अध्यापक देर से आते हैं, जबकि स्कूल का समय प्रात: 9 बजे का है। बच्चों का कहना है कि गुरु जी 10 बजे के बाद आते हैं। बच्चों ने यह भी बताया कि विद्यालय की छुट्टी तीन बजे हेाती है, लेकिन गुरुजन ढाई बजे ही विद्यालय छोड़ देते हैं। बच्चों को पोष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है। आरोप है कि बच्चों के खेलने कूदने का सामान जो भी आता है उसे गुरुजन अपने घर ले जाते हैं। कई बार शिकायत भी की गयी, लेकिन अधिकारियों से सांठ-गांठ के कारण कुछ भी नहीं हुआ।

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