मैनपुरी, यूपी की आवाज।
आखिरकार सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने लिए सियासी अखाड़ा चुन ही लिया। लोकसभा सीट आजमगढ़ से इस्तीफा देकर अखिलेश ने साफ कर दिया कि पिता मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि से ही आने वाले पांच साल तक वह सियासी दांव चलेंगे। उनके इस निर्णय ने राजनीति के पंडितों को भी चौंका दिया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। ये वही करहल है जिसे मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि कहा जाता है। पिता की कर्मभूमि अब विरासत के रूप में बेटे अखिलेश के हाथों में पहुंच गई है। इस विरासत को सहेजने के लिए अखिलेश यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देने जैसा बड़ा निर्णय लेना पड़ा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। ये वही करहल है जिसे मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि कहा जाता है। पिता की कर्मभूमि अब विरासत के रूप में बेटे अखिलेश के हाथों में पहुंच गई है। इस विरासत को सहेजने के लिए अखिलेश यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा देने जैसा बड़ा निर्णय लेना पड़ा।
लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा
प्रदेश में सपा को बहुमत न मिलने के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश यादव विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे लेकिन अखिलेश ने अपने फैसले से सबको चौंका दिया। उन्होंने मंगलवार को आजमगढ़ सीट से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।