गुजरात में उबाल: राज ठाकरे के सरदार पटेल और मोरारजी देसाई पर बयान से पाटीदार समाज में भारी आक्रोश, चेतावनी भी दी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को लेकर दिया गया विवादित बयान अब बड़ा राजनीतिक बवाल बनता जा रहा है। मीरा-भायंदर की एक जनसभा में ठाकरे ने दावा किया कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने का पहला बयान सरदार पटेल ने दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजराती व्यापारी और नेता मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की मंशा रखते थे।
इतना ही नहीं, ठाकरे ने मोरारजी देसाई पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जब भी महाराष्ट्र में आंदोलन हुआ, देसाई ने मराठी आंदोलनकारियों पर गोली चलवाई। ठाकरे के इन बयानों से गुजरात के पाटीदार समाज और अन्य संगठनों में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
पाटीदार नेताओं का तीखा विरोध
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता अल्पेश कथीरिया ने इसे मराठी मानसिकता का परिचायक बताते हुए कहा कि ठाकरे ने न केवल सरदार पटेल बल्कि समूचे गुजरात का अपमान किया है। उन्होंने ठाकरे से सार्वजनिक माफी की मांग की और चेतावनी दी कि इस तरह के बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एसपीजी प्रमुख ने दी सख्त चेतावनी

सरदार पटेल ग्रुप (SPG) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी पटेल ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि राज ठाकरे गुजरात में किसी भी कार्यक्रम में आते हैं, तो उनका जोरदार विरोध किया जाएगा। उन्होंने ठाकरे की मानसिकता को गुजरातियों के खिलाफ बताया।
भाजपा प्रवक्ता का बयान
गुजरात भाजपा प्रवक्ता ऋत्विज पटेल ने कहा कि ठाकरे का यह बयान उनकी पार्टी की राजनीतिक विफलता का प्रतीक है। जब पार्टी का वजूद नहीं बचता तो इस तरह के बयान देकर वे सस्ती लोकप्रियता पाना चाहते हैं।
गुजरात में विरोध के संकेत
राज ठाकरे के इस बयान के बाद गुजरात में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। पाटीदार समाज और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कड़े विरोध का ऐलान कर दिया है। आने वाले समय में यह विवाद महाराष्ट्र-गुजरात के रिश्तों में नई तल्खी भी ला सकता है।