राजनीती

इस बार सुशील शाक्य को मिल सकता है मंत्री पद

  • तीसरी बार विधायक बने हैं सुशील
  • पिता दयाराम शाक्य ने पार्टी को सींचा था

फर्रुखाबाद, यूपी की आवाज।
2017 में भारतीय जनता पार्टी प्रचण्ड बहुमत प्राप्त कर उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी। फर्रुखाबाद जनपद की चारों विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी भारी अन्तर से विजयी हुए थे। फर्रुखाबाद से मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी, अमृतपुर से सुशील शाक्य, कायमगंज से अमर सिंह खटिक और भोजपुर से नागेन्द्र शाक्य जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे। 2022 के चुनाव में अमर सिंह खटिक को छोडक़र शेष तीनों चेहरों को जनता ने एक बार फिर से सिर आँखों पर बिठाया है। अमर सिंह खटिक की उम्र अधिक हो जाने के कारण पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। कायमगंज से भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस की डॉ.सुरभि विधानसभा पहुंची हैं।


2017 की बात करें, तो फर्रुखाबाद के निवासियों को एक टीस रही कि चार विधायक और एक सांसद होने के बावजूद फर्रुखाबाद का प्रतिनिधित्व राज्य एवं केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में नहीं रहा। कई बार इस सम्बन्ध में आवाजें भी उठीं, लेकिन नतीजा शिफर ही रहा। इस बार की कहानी कुछ अलग है। शाक्य बिरादरी का सूबे में बड़ा वोट बैंक है। स्वामी प्रसाद मौर्य पार्टी से किनारा कर चुके हैं और सपा में जाने के बाद उनकी साइकिल पंचर हो गयी। डिप्टी सीएम अपने गृह क्षेत्र से चुनाव हार गये। ऐसे में तीन बार के विधायक सुशील शाक्य के मंत्रिमण्डल में शामिल होने के प्रबल आसार बन गए हैं। सुशील शाक्य के पिता स्व.दयाराम शाक्य फर्रुखाबाद से सांसद रहे और भारतीय जनता पार्टी को फर्रुखाबाद में स्थापित करने में बड़ा योगदान रहा। पार्टी का समय कैसा भी रहा हो, सुशील शाक्य हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे। इस बार फर्रुखाबाद सदर में अगर शाक्य वोट सपा मेें चला जाता तो मेजर की इतनी बड़ी जीत सम्भव नहीं थी। स्वयं सुशील शाक्य को जिले में सबसे बड़ी जीत हासिल हुई है।
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों से पता चला है सुशील शाक्य को इस बार मंत्रिमण्डल में शामिल किया जाएगा। सुशील शाक्य ने पार्टी से अपने लिए कभी कोई डिमाण्ड नहीं की। इसलिए उनका कद और बढ़ जाता है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा शाक्य समाज को कभी उपेक्षित नहीं करेगी, इसलिए और भी सुशील शाक्य को मंत्रिपद दिया जाना तय है।

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