राजनीती

भोजपुर विधानसभा : विनम्र, सुशील, संस्कारी अरशद सब पर भारी

  • अखिलेश को सीएम बनाने के लिए मांगा वोट और सपोर्ट

मोहम्मदाबाद, यूपी की आवाज।
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा सुलग रहा है। गुरुवार 10 फरवरी को पहले चरण के लिए वोट डाले जाने हैं। यूपी की आवाज की टीम फर्रुखाबाद जनपद के भोजपुर विधानसभा पहुंची। यहाँ जब क्षेत्र का दौरा किया तो देखा पूर्व विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी के पुत्र अरशद जमाल सिद्दीकी का जलवा जलाल है। अरशद को यहाँ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं।


अरशद जमाल सिद्दीकी के पिता जमालुद्दीन सिद्दीकी की गिनती फर्रुखाबाद के समाजवादी पार्टी के भीष्म पितामह के रूप में होती है।

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के वे खासमखास रहे और वही नजदीकी अब पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से भी कायम है। सपा प्रत्याशी अरशद जमाल सिद्दीकी के भाई राशिद जमाल सिद्दीकी फर्रुखाबाद के कमालगंज ब्लाक से दो बार ब्लाक प्रमुख चुने गए।


अरशद जमाल सिद्दीकी की सादगी, विनम्रता, संस्कार सभी उम्मीदवारों पर भारी पड़ रहे हैं। यहाँ टिकट के कई दावेदार थे, लेकिन जब अरशद जमाल सिद्दीकी को पार्टी ने टिकट दी तो किसी में कोई नाराजगी नहीं। सोमवार को अरशद जमाल सिद्दीकी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन हुआ तो टिकट के दावेदार चेयरमैन हरीश कुमार यादव भी थे, पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत भी थीं। राजनीतिक चपलता के चलते अरशद जमाल सिद्दीकी ने सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद चन्द्रभूषण सिंह मुन्नू बाबू से चुनाव कार्यालय का फीता कटवाया। इससे क्षत्रिय मतों का लाभ अरशद को निश्चित तौर पर होगा। यहाँ चुनावी हवा की बात की जाए तो वह वर्तमान भाजपा विधायक और प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह राठौर के खिलाफ है। क्षत्रिय मतदाता ही उनसे खासा नाराज है। उनकी टिकट काटे जाने के कयास थे, लेकिन भाजपा में मची भगदड़ के कारण उनकी टिकट बच गयी।
सोमवार को अरशद जमाल सिद्दीकी ने क्षेत्र में व्यापक प्रचार किया। उन्होंने अपने साथ वरिष्ठ नेताओं को भी रखा। एक खेल प्रतियोगिता में शामिल हुए। खास बात यह थी उन्होंने अपने लिए नहीं, अखिलेश यादव के लिए वोट मांगे। वे ऐसे घरों में भी गये जो भाजपा नेताओं के थे। उन्होंने हाथ जोड़कर वोट और सपोर्ट मांगा। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य कुलदीप पाल, जिला पंचायत सदस्य अलोक यादव, नरेंद्र सिंह, राजेंद्र पाल, विवेक, अमित यादव विधानसभा अध्यक्ष सहित तमाम लोग साथ थे। यूपी की आवाज ने ग्रामीणों से भी वार्ता की। 80 फीसदी लोगों ने यही कहा, यहाँ साइकिल की रफ्तार सबसे ज्यादा है। अब नतीजा क्या होगा यह तो 10 मार्च को सामने आएगा।

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