- भाईयों पर भी कसी नकेल
- चल सकता है बुलडोजर भी
फर्रुखाबाद, यूपी की आवाज।
जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनवाई करते हुए इंस्पेक्टर हत्याकांड में मैनपुरी जेल में बंद बसपा नेता अनुपम दुबे, उनके भाई अनुराग उर्फ डब्बन दुबे और अभिषेक रस्तोगी के नाम दर्ज करोड़ों की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए हैं। क्रियान्वयन के लिए आदेश की प्रति थाना मऊदरवाजा व तहसीलदार सदर को भेजी गई है।
गुरसहायगंज कातवाली में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की वर्ष 1996 में कानपुर सेंट्रल स्टेशन के निकट गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं फतेहगढ़ में एक ठेकेदार शमीम खां की भी वर्ष 1995 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों मामलों में आरोपित बसपा नेता अनुपम दुबे वर्तमान में मैनपुरी जिला जेल में निरुद्ध हैं। उनके खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं अनुपम दुबे उनके भाई डब्बन दुबे और एक अभिषेक रस्तोगी के खिलाफ जिलाधिकारी कोर्ट में गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी संपत्ति जब्त किए जाने का मुकदमा भी विचाराधीन था। थाना मऊदरवाजा पुलिस की ओर से अभियुक्तों पर आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित किए जाने की रिपोर्ट दी थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता व वकील सफाई की दलीलें सुनने के बाद तीनों के नाम पर दर्ज करोड़ों की रुपये की संपत्ति को जब्त किए जाने के आदेश कर दिए हैं। आदेश में कहा गया कि अभिषेक अनुपम दुबे का सहयोगी है। अनुपम ने काफी संपत्ति अभिषेक के नाम पर दर्ज करा रखी है। पुलिस की ओर से बसपा नेता पर शहर में एक आलीशान होटल के अलावा बढ़पुर से लेकर मऊदरवाजा तक शहर की कई संपत्तियों के अतिरिक्त मोहम्मदाबाद स्थित पैतृक गांव सिनौढ़ ईश्वरी में भी आवासीय व कृषि भूमि कब्जाने का आरोप लगाया गया था।