उत्तर प्रदेश

विवेचना स्थानांतरित करने के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति जरूरी नहीं : हाईकोर्ट

  • पुलिस रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के बाद भी विवेचना की जा सकती है ट्रांसफर
यूपी की आवाज

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि कोर्ट द्वारा पुलिस रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के बाद भी एसपी द्वारा केस की विवेचना दूसरे थाना पुलिस को स्थानांतरित की जा सकती है। इसके लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी जरूरी नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट के पुलिस को फिर से विवेचना करने का अधिकार इससे प्रभावित नहीं होता। क्योंकि मजिस्ट्रेट के लिए पुनर्विवेचना का आदेश देने के लिए सभी अभियुक्तों को सुनना जरूरी है। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 173(8) के तहत केस की विवेचना अन्य पुलिस को स्थानांतरित करने के लिए मजिस्ट्रेट की फार्मल अनुमति लेना जरूरी नहीं है। एसपी केस की विवेचना स्थानांतरित कर सकता है।

कोर्ट ने एस पी देवरिया के दाखिल चार्जशीट पर मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान लेने के बाद दूसरे थाना पुलिस को अकारण विवेचना करने का आदेश देने की वैधता की चुनौती याचिका को बलहीन मानते हुए खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति उमेश चंद्र शर्मा ने राम कोमल व दो अन्य की धारा 482 के अंतर्गत दाखिल याचिका पर दिया है।

मालूम हो कि 8 जनवरी, 2005 को 8 लोग शाम तीन बजे शिकायतकर्ता उमाशंकर कुशवाहा के घर आये और जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। परिवार से गाली-गलौज मारपीट की। झोपड़ी में आग लगा दी। सभी 8 अभियुक्तो के खिलाफ थाना बनकटा में धारा 147,149, 323, 452, 435, 504 व 506 भारतीय दंड संहिता में एफ आई आर दर्ज कराई गई। पुलिस ने विवेचना कर केवल पांच लोगों दरोगा, राकेश उर्फ लाल बाबू, चंद्रिका, मनोज व प्रमोद के खिलाफ धारा 147, 323, 504, 506 में चार्जशीट दाखिल की और राम कोमल, राजेश व भुवर को झूठा फंसाना बताकर फाइनल रिपोर्ट पेश की। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेकर पांचों अभियुक्तों को सम्मन जारी किया। पेश होने पर जमानत पर रिहा कर दिया।

शिकायतकर्ता ने एसपी देवरिया को विवेचना कोतवाली पुलिस सलेमपुर को स्थानांतरित करने की अर्जी दी। जिसे स्वीकार करते हुए विवेचना स्थानांतरित कर दी गई। कोतवाली पुलिस ने सभी आठ अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज सभी धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेकर याची व दो अन्य को सम्मन जारी किया है।

याची का कहना था कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के एसपी को विवेचना स्थानांतरित करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की नजरों के हवाले से कहा कि पुलिस अधिकारी को कोर्ट के पुलिस रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के बाद विवेचना अन्य एजेंसी या थाने को स्थानांतरित करने का अधिकार है।

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