- ओमप्रकाश राजभर इस सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही धर्मेंद्र प्रधान, सुनील बंसल से मुलाकात भी कर चुके हैं
लखनऊ, यूपी की आवाज।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद बड़ा सियासी उलटफेर होता नजर आ रहा है। यूपी चुनाव में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकती है।
ओमप्रकाश राजभर फिर से एनडीए में वापसी को तैयार हैं। ओमप्रकाश राजभर इस सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही धर्मेंद्र प्रधान, सुनील बंसल से मुलाकात भी कर चुके हैं। माना जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर को सुभासपा के कोटे से योगी मंत्रिमंडल में मंत्री भी बनाया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक ओमप्रकाश राजभर ने अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और सुनील बंसल के साथ 18 मार्च को मुलाकात की। ओमप्रकाश राजभर की इन नेताओं के साथ मुलाकात की। ओमप्रकाश राजभर की इन नेताओं के साथ मुलाकात करीब घंटेभर चली। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है. न तो बीजेपी और ना ही ओमप्रकाश राजभर ने ही इस संबंध में कोई बयान दिया है।
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में में उतरी थी। चुनावी जीत के बाद यूपी में जब बीजेपी की सरकार बनी, ओमप्रकाश राजभर को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मंत्री भी बनाया गया लेकिन कुछ समय बाद राजभर ने बीजेपी और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
हारने की बात कैसे कर सकता था ?
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मैं उस वक्त हारने की बात कैसे कर सकता था, क्योंकि 6 चरण और बाकी थे? उन्होंने कहा कि हम अपने प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे और पता लगाएंगे कि हम असफल क्यों हुए? उन्होंने कहा कि सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बस्ती, अंबेडकर नगर और जौनपुर जैसे जिलों में उन सीटों पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया जहां एसबीएसपी जमीनी स्तर पर सालों से काम कर रही थी।
BSP है सपा गठबंधन की हार के लिए जिम्मेदार
ओम प्रकाश राजभर ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर भी हमला किया और इसे सपा गठबंधन की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। राजभर ने कहा कि हालांकि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, लेकिन एसबीएसपी ने बेहतर प्रदर्शन किया है और पूर्व की तुलना में एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से दूसरी बार जीते जबकि उनके बेटे अरविंद राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से भाजपा के अनिल राजभर से हार गए।
बाबासाहेब का मिशन कहां है?
एसबीएसपी ने 2017 के चुनावों से अपने प्रदर्शन में सुधार किया और उसने जिन 19 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 6 सीटों पर जीत हासिल की. 2017 के चुनावों में एसबीएसपी ने भाजपा के साथ गठबंधन में चार सीटें जीतीं। उन्होंने पूछा कि हमने छह सीटें जीती हैं और बसपा ने केवल एक जीती है। बसपा भाजपा को जीत दिलाने के लिए काम कर रही है और ऐसा करने में पार्टी केवल एक सीट तक सीमित हो गई है। बाबासाहेब का मिशन कहां है? इस चुनाव में भाजपा 255 सीटों के साथ विजयी हुई और समाजवादी पार्टी (सपा) 111 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। एसबीएसपी, रालोद, एडी(के) और एनसीपी के साथ समाजवादी पार्टी के गठबंधन सहयोगियों में से एक था।