बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से लखनऊ लाया जा रहा है। सोमवार सुबह 7.30 बजे पुलिस मुख्तार को लेकर बांदा जेल से निकली है। इससे पहले रविवार रात 12 बजे से बांदा जेल में अचानक हलचल बढ़ गई। रात को पहले एंबुलेंस और फिर खुद डीएम-एसपीजेल पहुंचे। उधर, मऊ में मुख्तार के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी ने भी इस मामले पर रात 12 बजे एक के बाद एक 9 ट्वीट-रीट्वीट किए। इसमें अब्बास ने कहा, ‘पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को अभी देर रात बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की तैयारी हो रही है। साजिश के तहत मेडिकल कैंसिल करवा कर और फिर आधी रात को बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की ये तैयारी बड़ी अनहोनी घटना की आशंका पैदा कर रही है’।
रात भर रही हलचल
सुबह 7:30 बजे बांदा जेल से एक एंबुलेंस और वज्र वाहन बाहर निकला। इसके वीडियो पोस्ट करके अब्बास ने बताया कि बांदा से लखनऊ ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्तार को पेशी के सिलसिले में लखनऊ लाया जा रहा है। इसलिए, रात में उनका मेडिकल चेकअप कराया गया है। डीएम-एसपी भी तैयारियों का जायजा लेने के लिए रात को जेल पहुंचे थे। करीब दो घंटे वहां रहने के बाद दोनों अफसर वापस गए। हालांकि, जेल व प्रशासन के अधिकारियों ने इस बारे में चुप्पी साध ली है। किसी भी अधिकारी ने कोई जानकारी नहीं दी।
सोमवार सुबह 7:30 बजे बांदा जेल से एक एंबुलेंस और वज्र वाहन बाहर निकला।
बिना नंबर की गाड़ी जेल के अंदर गई: अब्बास अंसारी
इससे पहले रात दो बजे मुख्तार के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी ने दूसरी पोस्ट शेयर की। अब्बास ने लिखा, ‘रात लगभग 12:30 बजे उच्च अधिकारी बिना नंबर की इनोवा से बांदा जेल के अंदर दाखिल हुए हैं। अधिकारियों की ओर से कोई जवाब न मिलना गंभीर शंका पैदा कर रहा है’। इसके बाद 2:26 बजे एक और पोस्ट में लिखा, ‘अभी रात 1:20 बजे CMO जेल के अंदर पहुंचे हैं। अधिकारियों की ओर से कोई जवाब न मिलना गंभीर शंका पैदा कर रहा है’। बता दें, मुख्तार को 7 अप्रैल 2021 को पंजाब से बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। बांदा जेल में आने के बाद पहली बार मुख्तार अंसारी सुनवाई के लिए बांदा जेल से बाहर निकला है।
बिना नंबर की गाड़ी थोड़ी देर बाद जेल से बाहर आई
अब्बास ने आरोप लगाया कि आधी रात बिना नंबर की गाड़ी बांदा जेल के अंदर गई। थोड़ी देर बाद वह जेल से बाहर निकलकर चली गई। रात साढ़े तीन बजे अब्बास ने एक और पोस्ट शेयर किया। लिखा, ‘अभी रात लगभग 3 बजे कथित उच्च अधिकारी मीडिया के सवालों से बचते हुए बांदा जेल से बाहर निकले। अधिकारियों की चुप्पी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है’। साढ़े पांच बजे एक और पोस्ट में अब्बास ने लिखा, ‘सारी रात तथाकथित उच्च अधिकारी बांदा जेल के अंदर-बाहर करते रहे और मीडिया द्वारा किए सवालों से बचते रहे। अब एंबुलेंस जेल गेट पर खड़ी है, लेकिन प्रशासन अभी भी मौन है’।
बिना नंबर के इनोवा गाड़ी जेल के अंदर गई जो थोड़ी देर बाद बाहर निकल कर चली गई।
लखनऊ कोर्ट में शत्रु संपत्ति मामले में आज सुनवाई
खबर है कि शत्रु संपत्ति फर्जी दस्तावेज मामले में फंसे मुख्तार अंसारी की आज लखनऊ कोर्ट में पेशी होनी है। लखनऊ कोर्ट में पेशी से पहले रविवार रात बांदा जेल में मुख्तार के मेडिकल टेस्ट की प्रक्रिया चली।जिला प्रशासन के अधिकारी अभी भी जेल में मौजूद हैं। हालांकि, हजरतगंज में दर्ज शत्रु संपत्ति मामले में मुख्तार अंसारी की पेशी पर अभी कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। साल 2005 से मुख्तार अंसारी जेल में बंद है।
मुख्तार अंसारी पर बाराबंकी पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, एंबुलेंस प्रकरण में दर्ज किया गैंगस्टर का मुकदमा
बाराबंकी। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर पुलिस ने गैंगस्टर का मुकदमा लिखा है। मुख्तार खिलाफ जिले में यह दूसरा मुकदमा है। गैंगस्टर के मुकदमे में मऊ, गाजीपुर, लखनऊ और प्रयागराज के 12 सदस्यों को भी नामजद किया गया है। यह आरोपित बहुचर्चित एंबुलेंस प्रकरण में जेल भेजे जा चुके हैं। गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के यूसुफपुर के मूल निवासी व मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर यह मुकदमा नगर कोतवाल सुरेश पांडेय ने लिखाया है।
इसमें मऊ जिले के बलियामऊ मोड़ पर स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डा. अलका राय, डा. शेषनाथ राय, थाना सराय लखंसी के अहिरौली के राजनाथ यादव, ग्राम सरवां के आनंद यादव, गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के मंगलबाजार यूसुफपुर के सुरेंद्र शर्मा, सैदपुर बाजार मुहल्ला रौजा के मो. शाहिद, फिरोज कुरैशी, अफरोज उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सलीम, प्रयागराज के थाना करेली के वसिहाबाद सदियापुर के मो. सुहैब मुजाहिद और लखनऊ के वजीरगंज थाना के लारी हाता कालोनी का मो. जाफरी उर्फ शाहिद शामिल हैं।
यह है एंबुलेंस प्रकरणः
पंजाब जेल में निरुद्ध के दौरान मुख्तार अंसारी न्यायालय जाने के लिए निजी एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 प्रयोग करता था। यह एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ में 21 मार्च 2013 में पंजीकृत कराई गई थी। 31 मार्च 2021 को मामला चर्चा में आने पर कोतवाली नगर पुलिस ने दो दिन बाद मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डा. अलका राय पर जालसाजी का मुकदमा लिखा था। दरअसल, यह एंबुलेंस बाराबंकी कोतवाली नगर के मुहल्ला रफीनगर के मकान नंबर 56 के पते पर पंजीकृत कराई गई थी। सत्यापन में यह पता ही गलत पाया गया था। यही नहीं इस एंबुलेंस का 31 जुलाई 2017 से फिटनेस तक नहीं हुई थी ऐसे में यह एंबुलेंस प्रदेश की सीमा पार करते हुए पंजाब में संचालित हो रही थी। जिसे सीओ नवीन सिंह पांच अप्रैल 2021 को पंजाब से वापस लेकर आए थे।
क्रमवार कार्रवाई : पुलिस ने दो अप्रैल 2021 को पहला मुकदमा जालसाजी का लिखा और करीब तीन माह बाद सभी आरोपितों के खिलाफ 04 जुलाई 2021 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस की रिपोर्ट पर डीएम ने 24 मार्च 2022 को गैंगचार्ट पर अनुमोदन दे दिया और 25 मार्च को पुलिस ने गैंगस्टर का मुकदमा लिखा है।
जिले में इस वर्ष में अब तक कुल 31 गैंगस्टर के मुकदमे लिखे जा चुके हैं। इसमें मुख्तार अंसारी का मुकदमा भी शामिल है। मुकदमे के बाद पुलिस अब अग्रिम कार्रवाई करेगी। -अनुराग वत्स, पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी